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एसआरएन अस्पताल के जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर ,वार्ड नंबर 15 में भर्ती एक मरीज के तीमारदारों और जूनियर डॉक्टरों के बीच मारपीट

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मोतीलाल नेहरू राजकीय मेडिकल कॉलेज के एसआरएन अस्पताल के जूनियर डॉक्टर आज से हड़ताल पर चले गए हैं। जिससे अस्पताल की व्यवस्थाएं पूरी तरह से चरमरा गई हैं। दरअसल देर रात अस्पताल के वार्ड नंबर 15 में भर्ती एक मरीज के तीमारदारों और जूनियर डॉक्टरों के बीच मारपीट हो गई थी। मारपीट की घटना से नाराज जूनियर डॉक्टर और अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ व अन्य कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। नाराज जूनियर डॉक्टर रजिस्ट्रेशन बिल्डिंग के बाहर धरने पर बैठ गए हैं। जूनियर डॉक्टर अपने हाथों में पोस्टर और बैनर लेकर नारेबाजी कर रहे हैं। हड़ताली जूनियर डॉक्टर मारपीट के आरोपियों की गिरफ्तारी और सुरक्षा की मांग कर रहे हैं।

एस आर एन अस्पताल के इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर डॉ बद्री विशाल सिंह के मुताबिक मरीज के तीमारदार हथियारों से लैस होकर दो गाड़ियों से आए थे। उन्होंने डॉक्टरों के साथ मारपीट और गाली गलौज की। इसके साथ ही जूनियर डॉक्टर व अन्य मेडिकल स्टाफ के साथ अभद्रता की। जूनियर डॉक्टर आरोपी तीमारदारों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं‌। डॉक्टर ने कहा है कि जब तक उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं होती तब तक उनकी हड़ताल जारी रहेगी। हालांकि जूनियर डॉक्टरों ने इमरजेंसी सेवाओं को हड़ताल से दूर रखा है। लेकिन ओपीडी और वार्डों में जूनियर डॉक्टर अपनी सेवाएं नहीं दे रहे हैं।

ईएमओ डॉ बद्री विशाल सिंह के मुताबिक अस्पताल में पुलिस चौकी मौजूद है। लेकिन यहां की सुरक्षा व्यवस्था बेहद लचर है। उनके मुताबिक ट्रामा सेंटर में सड़क दुर्घटना या फिर मारपीट और गोलीबारी के गंभीर मरीज आते हैं। कई बार इलाज के दौरान मरीज की मौत हो जाती है। जिसके बाद ट्रामा सेंटर में मरीज के परिजन लापरवाही का आरोप लगाकर हंगामा करते हैं। डॉक्टरों व अन्य मेडिकल स्टाफ के साथ अभद्रता की जाती है। लेकिन ऐसे मामलों में भी पुलिस प्रशासन मौन बना रहता है। डॉक्टरों के बुलाने के बाद भी पुलिस नहीं आती है। उन्होंने अस्पताल में सुरक्षित वातावरण दिए जाने की पुलिस प्रशासन से मांग की है।

डॉ बद्री विशाल सिंह के मुताबिक

एस आर एन अस्पताल के इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर डॉ बद्री विशाल सिंह के मुताबिक मरीज के तीमारदार हथियारों से लैस होकर दो गाड़ियों से आए थे। उन्होंने डॉक्टरों के साथ मारपीट और गाली गलौज की। इसके साथ ही जूनियर डॉक्टर व अन्य मेडिकल स्टाफ के साथ अभद्रता की। जूनियर डॉक्टर आरोपी तीमारदारों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं‌। डॉक्टर ने कहा है कि जब तक उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं होती तब तक उनकी हड़ताल जारी रहेगी। हालांकि जूनियर डॉक्टरों ने इमरजेंसी सेवाओं को हड़ताल से दूर रखा है। लेकिन ओपीडी और वार्डों में जूनियर डॉक्टर अपनी सेवाएं नहीं दे रहे हैं।

ईएमओ डॉ बद्री विशाल सिंह के मुताबिक अस्पताल में पुलिस चौकी मौजूद है। लेकिन यहां की सुरक्षा व्यवस्था बेहद लचर है। उनके मुताबिक ट्रामा सेंटर में सड़क दुर्घटना या फिर मारपीट और गोलीबारी के गंभीर मरीज आते हैं। कई बार इलाज के दौरान मरीज की मौत हो जाती है। जिसके बाद ट्रामा सेंटर में मरीज के परिजन लापरवाही का आरोप लगाकर हंगामा करते हैं। डॉक्टरों व अन्य मेडिकल स्टाफ के साथ अभद्रता की जाती है। लेकिन ऐसे मामलों में भी पुलिस प्रशासन मौन बना रहता है। डॉक्टरों के बुलाने के बाद भी पुलिस नहीं आती है। उन्होंने अस्पताल में सुरक्षित वातावरण दिए जाने की पुलिस प्रशासन से मांग की है।